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ऑपरेशन थिएटर की टेबल पर बच्चे की मौत, फिर भी सात घंटे तक उसे वेंटिलेटर पर भर्ती रखा

अजमेर। जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में ऑपरेशन के लिए भर्ती नौ माह के बच्चे की मौत हो गई। परिजन का आरोप है कि बच्चे की मौत को घोषित करने की बजाय अस्पताल प्रबंधन ने आनन-फानन में उसे शिशु रोग विभाग के वेंटिलेटर पर भर्ती कर दिया और करीब 7 घंटे बाद मृत घोषित किया।

ओमनगर निवासी भागीरथ सिंह वर्मा ने बताया कि उनके नौ माह के पोते मयंक पुत्र नीरज सिंह को शुक्रवार रात्रि अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने उसकी आंख का ऑपरेशन होने की बात कही। सुबह बच्चे को ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया। उनका आरोप है कि बेहोशी के लिए दी गई अत्यधिक डोज से उसकी टेबल पर ही मौत हो गई, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें गुमराह करने के लिए बच्चे को शिशु रोग विभाग के आईसीयू में भर्ती कर वेंटीलेटर पर ले लिया, जबकि उसकी धड़कन नहीं आ रही थी।

इस संबंध में अधीक्षक डॉ. अरविन्द खरे को शिकायत की, लेकिन उन्होंने कहा कि बच्चे का हार्ट कहीं चल रहा है कहीं नहीं। इसलिए उसे वेंटिलेटर पर लिया गया है। नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश पोरवाल ने भी कहा कि बच्चे को होश नहीं आया है, लेकिन ठीक हो जाएगा। भागीरथ ने बताया कि कुछ रेजीडेंट व स्टूडेंट के अनुसार बच्चे की मौत ऑपरेशन थिएटर में ही हो गई। आईसीयू में भी बच्चे में कोई हलचल नजर नहीं आने पर परिजन ने चिकित्सकों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। शाम करीब 7 बच्चे बच्चे की मौत घोषित कर चिकित्सकों ने शव को मोर्चरी में रखवाया। ये भी पढ़ें : पहले पुलिस का नहीं कर रहा था मन फिर स्कूटी की डिग्गी चेक की तो उड़े होश

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