
ऊना-संतोषगढ़ मार्ग पर रामपुर खडड पर बनाए गए अस्थायी वैली ब्रिज पर खतरा मंडराना शुरु हो गया है। वैली ब्रिज की हालत अब खराब होने लगी है। पुल के एक और की प्लेट उखड़ चुकी है, जिससे आवागमन और अधिक जोखिमपूर्ण हो गया है। उक्त स्थिति पिछले कई दिनों से बनी हुई है, लेकिन प्रशासन ने अभी तक इस और कोई ध्यान नहीं दिया है। हालात यह हैं कि रोजाना सैकड़ों वाहन इस पुल से गुजरते हैं, और यहां जाम की समस्या आम हो गई है। वैली ब्रिज इतना संकरा है कि यहां एक समय में केवल एक वाहन ही गुजर रहा है। ऐसे में दोनों और वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग रही है। व्रिज पर लग रहे जाम के कारण ऊना मुख्यालय स्थित कार्यालयों, स्कूल, बाजार आने वाले काफी समय जाम में फंसे रहते है। कई बार तो एंबुलेंस व अन्य जरुरी सेवाओं को भी रास्ता नहीं मिल पा रहा है। एक साल से उक्त वैली ब्रिज पर उक्त स्थिति बनी हुई है।
हालांकि लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्ष 2024 में नए पुल का प्रस्ताव बनाकर प्रदेश सरकार को भेज दिया था, लेकिन एक साल से सरकार नए पुल को मंजूरी नहीं दे पाई है। बताते चले कि 17 अगस्त 2024 के दिन जोरदार बारिश के चलते उफान पर आई खडड से रामपुर पुल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। पुल के बीचों-बीच पिल्लर क्षतिग्रस्त हो गए थे। जिससे पुल का हिस्सा धंस गया था। पुल क्षतिग्रस्त होने के चलते करीब 22 दिन तक यातायात पूरी तरह से प्रभावित रहा। वाहन चालकों को वैकल्पिक मार्गो से होकर सफर करना पड़ा था। इस दौरान इंडियन ऑयल पेखूबेला में आने वाले टैंकर चालकों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। ऐसे में लोक निर्माण विभाग द्वारा इस टूटे हुए पुल पर लोहे का वैली ब्रिज पुल स्थापित किया था। वैली ब्रिज को अस्थायी समाधान के तौर पर तैयार किया गया था। स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि जल्द ही नया पक्का पुल बनेगा, लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद अब तक सरकार की ओर से मंजूरी नहीं मिल पाई है। स्थानीय निवासी सोहन लाल सैनी, अशोक कुमार, संजीव कुमार आदि ने बताया कि पुल से गुजरते समय कंपन महसूस होती है, जिससे भय बना रहता है। प्लेट उखड़ चुकी है। उन्होंने कहा कि अगर यहां कोई हादसा हो गया तो जिम्मेदार कौन होगा? मरम्मत और नए पुल की स्वीकृति की मांग की है। उनका कहना है कि कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह पुल बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।