Tuesday, July 1, 2025
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तबियत बिगाड़ रही इलेक्ट्रिक कारें! नई तकनीक बनी सिरदर्द, रिसर्च में हुआ खुलासा

तबियत बिगाड़ रही इलेक्ट्रिक कारें! नई तकनीक बनी सिरदर्द, रिसर्च में हुआ खुलासा

Electric Cars Creating Motion Sickness: इलेक्ट्रिक कारों को पर्यावरण के अनुकूल और किफायती माना जाता है, लेकिन इनमें सफर करने वाले कई लोगों को चक्कर और उल्टी जैसा महसूस होता है। रिसर्च में सामने आया है कि इसकी वजह कार की एक खास ब्रेकिंग सिस्टम है।

तबियत बिगाड़ रही इलेक्ट्रिक कारें! नई तकनीक बनी सिरदर्द, रिसर्च में हुआ खुलासा

इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है। साल 2024 में वैश्विक स्तर पर बेची गईं कुल नई कारों में 22 फीसदी इलेक्ट्रिक कारें थीं। इन्हें पर्यावरण के अनुकूल, साइलेंट और फ्यूल सेविंग विकल्प माना जाता है। लेकिन अब इन कारों को लेकर एक नई समस्या सामने आ रही है। इलेक्ट्रिक कार चलाने वाले कई लोग ‘मोशन सिकनेस’ की शिकायत कर रहे हैं। यानी सफर के दौरान जी मचलना, चक्कर आना या मतली जैसा महसूस होना।

ब्रेकिंग तकनीक कर रही परेशान
इस समस्या पर रिसर्च कर रहे फ्रांस के पीएचडी छात्र विलियम एडमंड के मुताबिक, इलेक्ट्रिक कारों में खासतौर पर रेजनरेटिव ब्रेकिंग (Regenerative Braking) के कारण यात्रियों को यह परेशानी महसूस हो रही है। दरअसल, हमारा मस्तिष्क शरीर की हरकतों को पहले से अनुमान लगाने की कोशिश करता है। जब ब्रेकिंग या मोशन उस अनुमान से मेल नहीं खाता, तो शरीर और दिमाग के बीच असंतुलन पैदा होता है, जिससे मोशन सिकनेस महसूस होता है।

रेजनरेटिव ब्रेकिंग क्या है
यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें कार का ब्रेकिंग सिस्टम स्पीड कम होने पर ऊर्जा जनरेट करता है। यह उर्जा बैटरी में वापस स्टोर हो जाती है जिससे रेंज बढ़ती है। हालांकि, यह प्रक्रिया पारंपरिक ब्रेकिंग से अलग महसूस होती है। कई इलेक्ट्रिक कारों में रेजनरेटिव ब्रेकिंग के दौरान हल्के झटके लगते हैं असमान्य कंपन महसूस होती है जो ड्राइवर और पैसेंजर्स को असहज कर देती है। हालांकि, रेजनरेटिव ब्रेकिंग अधिकतर कारों में ऑप्शनल होता है और इसे बंद भी किया जा सकता है।

इलेक्ट्रिक कार चलाने वालों को आया चक्कर
इलेक्ट्रिक कारों की एक बड़ी खासियत यह है कि इनमें इंजन की आवाज बहुत कम या लगभग नहीं होती। परंपरागत पेट्रोल-डीजल कारों में इंजन की आवाज एक संकेत होती है, जिससे मस्तिष्क सफर के लिए खुद को तैयार करता है। इलेक्ट्रिक कारों में यह संकेत नहीं मिलता, जिससे भी असहजता बढ़ती है।

2024 की एक रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि ईवी की सीटों में आने वाला लो फ्रिक्वेंसी वाइब्रेशन इस समस्या को और बढ़ा देता है। यह समस्या इतनी आम हो गई है कि डेनमार्क में पुलिस अधिकारियों ने जब ईवी कारों को ट्रायल पर इस्तेमाल किया, तो उन्हें भी चक्कर और उल्टी जैसा अनुभव हुआ।

सोशल मीडिया पर भी बढ़ी शिकायतें
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अब कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें यात्री इलेक्ट्रिक कारों में सफर करते समय जी मिचलाने और सिर दर्द की शिकायत कर रहे हैं। इससे कुछ संभावित खरीदारों में ईवी को लेकर झिझक भी देखी जा रही है।

me.sumitji@gmail.com

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