Harsha Richariya: हर्षा रिछारिया जिन्होंने सनातन धर्म के प्रचार और युवाओं को जोड़ने के लिए वृंदावन से संभल तक की पदयात्रा शुरू की. अपनी तपस्या और समर्पण से चर्चा में हैं. उनकी यह यात्रा बाबा साहेब अंबेडकर जयंती के अवसर पर शुरू हुई थी. हर्षा ने कहा ‘ये तपस्या मुझे कहीं तो लेकर जाएगी.’ लेकिन प्रशासनिक बाधाओं के कारण उनकी यात्रा संभल तक नहीं पहुंच सकी. अब वह नरौरा में गंगा स्नान के बाद वृंदावन लौटेंगी.
अलीगढ़ में रोकी गई यात्रा
गुरुवार को अलीगढ़ में हर्षा की ‘सनातनी युवा जोड़ो यात्रा’ को रोक दिया गया. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आगमन के कारण प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से यात्रा पर रोक लगाई. बाद में सशर्त अनुमति मिलने पर हर्षा को नरौरा तक जाने की इजाजत दी गई. अलीगढ़ के अचलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा के दौरान कुछ हिंदू संगठनों ने उनकी यात्रा को रोकने की कोशिश की. संगठनों का कहना था कि यात्रा से विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. जिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.
हर्षा के आंसुओं की कहानी
17 अप्रैल को हर्षा ने इंस्टाग्राम पर एक भावुक वीडियो साझा किया, जिसमें वह फूट-फूटकर रो रही थीं. उन्होंने लिखा ‘धर्म के रास्ते पर चलना आसान नहीं. ये आंसू किसी तकलीफ के नहीं, बल्कि तीसरे दिन की पदयात्रा पूरी करने और हरिगढ़ पहुंचने की खुशी के हैं.’ उनकी यह बात लोगों के दिलों को छू गई. हर्षा की यात्रा का उद्देश्य सनातन धर्म से दूर हुए युवाओं को पुन जोड़ना है. उनके रथ पर लिखे संदेश भी यही प्रेरणा देते हैं. ‘चलो जोड़ें इतिहास के पन्ने में अपना नाम, अपने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने में.’
नरौरा में समाप्त होगी यात्रा
प्रशासन के निर्देशानुसार हर्षा अब संभल नहीं जाएंगी. वह नरौरा घाट पर गंगा स्नान के बाद अलीगढ़ होते हुए वृंदावन लौटेंगी. अलीगढ़ के सीओ सिटी अभय कुमार पांडेय ने बताया. ‘संभल के माहौल को देखते हुए हर्षा को वहां न जाने को कहा गया.’ प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया.
यह भी पढ़ें-