Gazab Viral – (DA Arrears) कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स की पेंशन पर महंगाई का असर न पड़े, इसके लिए जनवरी और जुलाई में केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में सरकार की ओर से बढोत्तरी की जाती है। केंद्रीय सरकारी (DA hike)कर्मचारियों का डीए 2020 में कोविड महामारी के चलते सरकार की ओर से रोक दिया गया था।
यह लगातार 3 तिमाहियों यानी 18 महीने का डीए था, जिसे लेकर अब बढ़ा अपडेट सरकार की ओर से दिया गया है। बता दें कि अब तक यह डीए (18 month DA update) राशि अटकी हुई थी, लेकिन अब इसे कर्मचारियों को खाते में दिया जा सकता है।
महंगाई भत्ते के बकाया का भुगतान मांगा-
कोविड-19 के दौरान केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाला भत्ता रोक दिया गया था। इसी के चलते केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स (central government employees) लंबे समय से रोके गए महंगाई भत्ते की मांग कर रहे हैं। बता दें कि इस मामले पर कई बार मुद्दे उठ चुके हैं लेकिन सरकार इस बारे में चुप्पी साधे बैठी है।
हालांकि, कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट (Dearness Allowance ) एम्प्लाइज एंड वर्कर्स ने एक बार फिर केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों की मांगों का मुद्दा उठाया है।
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें कोविड के दौरान हुई आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद उनकी आय में कमी की गई। सरकार की ओर से डीए (DA Arrears) को रोकने का कदम सही नहीं था, महंगाई में ऐसा नहीं करना चाहिए था। अब इसे जल्द बहाल किया जाए।
यह कहा गया है सर्कुलर में-
इस सर्कुलर में केंद्र सरकार (central govt) से पेंडिंग पड़े DA सहित कई कर्मचारियों के अन्य मुद्दों को जल्द सुलझाने का निवेदन किया गया है। मार्च महीने में जारी किए गए इस सर्कुलर में कॉन्फेडरेशन ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार द्वारा उनकी जायज मांगों पर ध्यान नहीं (Pending DA Issue) दिया जा रहा है।
इस कारण उनका डीए अब तक अटका हुआ है और कर्मचारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस सर्कुलर (DA arrear circular) के माध्यम से कॉन्फेडरेशन ने एक बार फिर सरकार का ध्यान इस ओर दिलाने का प्रयास किया है।
ये हैं कर्मचारियों की प्रमुख मांगें-
1. 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर अब तक केवल इसके गठन की ही घोषणा की गई है। इसके गठन के लिए चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्ति की मांग लगातार कर्मचारी कर रहे हैं।
2. कर्मचारियों ने यह भी मांग उठाई है कि न्यू पेंशन स्कीम (NPS) को खत्म करके इसकी जगह ओल्ड पेंशन स्कीम (old pension scheme) को बहाल किया जाए, ताकि कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सके।
3. कोविड महामारी के दौरान जो डीए (update on covid DA) हाइक की किस्तें रोकी गई थी उन्हें एरियर सहित किस्त के रूप में दिया जाए।
4. कर्मचारियों एवं पेंशनरों की पेंशन (pensioner’s update) से काटी गई राशि को 15 साल में बहाल किया जाता है लेकिन कर्मचारियों की मांग हैं कि इसे 12 सालों में बहाल किया जाए।
5. अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की 5 प्रतिशत की लिमिट को तुरंत प्रभाव से समाप्त करने की मांग भी कर्मचारियों की ओर से की गई है। सभी पात्र आवेदकों को नियुक्ति दिए जाने की मांग भी कर्मचारियों ने की है।
6. सरकारी विभागों में कईं जगह खाली पद होते हैं, कर्मचारियों की मांग हैं उन्हें जल्द से जल्द से भरा जाए। और सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग और प्राइवेटाइजेशन को रोका जाए और इसकी जगह पारदर्शी तरीका अपनाया जाए।
कर्मचारी संगठन लगातार उठा रहे हैं मांग-
कोरोनाकाल में रुके 18 माह के इस डीए को एरियर (DA arrear news) सहित देने को लेकर कर्मचारी संगठन लगातार मांग उठाते आ रहे हैं। लेकिन केंद्रीय कर्मचारियों को यह पैसा नहीं मिला है। इस कोविड के कार्यकाल के दौरान कर्मचारियों को तीन किस्तों का DA मिलना था जो अभी तक (DA arrears calculator) सरकार ने नहीं दिया है।
कर्मचारी संगठनों ने साफ कहा है कि सरकार को इस डीए का एरियर सहित भुगतान करना ही चाहिए क्योंकि यह कर्मचारियों और पेंशनरों का अधिकार है। लेकिन सरकार लगातार इस मुद्दे पर अनदेखी कर रही है।
यह कहना है सरकार का-
सरकार ने कई बार स्पष्ट कर दिया है कि वह महंगाई भत्ते (Dearness allowance) का बकाया भुगतान नहीं करेगी। इस मामले में सरकार का कहना है कि इससे सरकार के बजट पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
ऐसे में फिलहाल आर्थिक रूप से ऐसा करना संभव नहीं है। यह एक कठिन स्थिति है, अब कर्मचारियों (central employees news) की ओर से अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाई जा रही है और सरकार आर्थिक समस्याओं का नाम लेकर भुगतान से इनकार कर रही है।
फेडरेशन ने कहा है कि कर्मचारी अपनी मांगों को उठाते रहेंगे जिससे कि यह मामले हाईलाइट में बना रहेगा। इस स्थिति में कर्मचारियों और सरकार (govt Decision on DA) के बीच बातचीत और समझौता ही एक समाधान हो सकता है, जिससे दोनों पक्षों के हितों का ध्यान रखा जा सके।