
त्वचा कैंसर अक्सर सूरज की हानिकारक किरणों के संपर्क में आने से जुड़ा होता है।पराबैंगनी (यूवी) किरणें स्किन सेल्स में डीएनए को नुकसान पहुंचा सकती हैं, जिससे सेल्स असामान्य तरीके से बढ़ने लगती हैं।पिछले कुछ सालों में जिस तरह से तापमान बढ़ा है उससे स्किन कैंसर का खतरा भी बढ़ गया है। ये खबर आप हिमाचल से में पढ़ रहे हैं। स्किन कैंसर सामान्य कैंसर में से एक है जिसे सही समय पर ट्रीट किया जाए तो रोका जा सकता है। सूर्य से निकलने वाली हानिकारक यूवी रेस के संपर्क में आने के अलावा ऐसे कई दूसरे कारण है जिससे स्किन कैंसर का खतरा काफी बढ़ जाता है।इससे जुड़ी कोई फैमिली हिस्ट्री या फिर कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली भी स्किन कैंसर का कारण हो सकती है।साथ ही गलत स्किन केयर रुटीन और केमिकल वाले प्रोडक्ट्स का लंबे समय तक इस्तेमाल करना भी कैंसर का कारण बन सकता है। ।
डॉ. अस्मिता ढेकने चेब्बी, एमबीबीएस, एमडी डर्मेटोलॉजी (अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, बैंगलोर) की मानें तो आजकल की युवा पीढ़ी अपने स्किन केयर रुटीन को लेकर काफी अलर्ट हैं। और खासतौर से विदेशी और इंटरनेशनल स्किन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने लगे हैं। जिसमें खासतौर से कोरियाई स्किन प्रोडक्ट जो फ्लॉलेस ग्लास स्किन के सीक्रेट बताए जाते हैं उनका उपयोग बढ़ता जा रहा है। हाल ही में इस बात को लेकर चिंता बढ़ रही है कि क्या ये स्किन केयर रुटीन कैंसर का भी कारण बन रहे हैं।
ब्यूटी प्रोटक्ट्स से बढ़ रहा है कैंसर का खतरा!
कई स्किन एक्सपर्ट्स ने लोगों को इससे बचने के लिए सनस्क्रीन, सीरम और अन्य ब्यूटी प्रोडक्ट्स का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया है। इन ब्यूटी प्रोडक्ट्स में ऐसे केमिकल पाए जाते हैं जो बीमारी को रोकने में मदद करते हैं। स्किन को UV विकिरण से बचाते हैं। हालांकि इस बात को लेकर चिंता बढ़ गई है कि क्या ये उत्पाद त्वचा कैंसर का कारण बनते हैं। हालांकि इसके बारे में कोई पुख्ता सबूत नहीं है। फिर भी लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या ऐसे प्रोडक्ट्स का लगातार लंबे समय तक इस्तेमाल करना सुरक्षित है?
इंटरनेशनल ब्रांड्स हो सकते हैं खतरनाक
कुछ स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में ऐसे केमिकल होते हैं जो दूसरी तरह के कैंसर का कारण भी बन सकते हैं। साथ ही, इंटरनेशनल ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल इंडियन स्किन के लिए पूरी तरह सही नहीं हो पाता है। अमेरिका के एक फेमस स्किन केयर प्रोडक्ट में पैराबेंस जैसे प्रिजर्वेटिव्स पाए जाते हैं। जिससे हार्मोन को जोखिम में डालने का खतरा बढ़ जाता है और ब्रेस्ट कैंसर तक हो सकता है। जबकि भारत के लिए अगर कंपनी ये प्रोडक्ट बनाती है तो उसे बिना प्रिजर्वेटिव्स के तैयार किया जाएगा। अमेरिका में बने स्किन केयर प्रोडक्ट्स में बेंजीन का लेवल भी हाई होता है जिससे ल्यूकेमिया और दूसरी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
स्किन कैंसर से कैसे बचें?
त्वचा की देखभाल करने वाले उत्पादों का सही इस्तेमाल न करने, खासतौर पर SPF 30 या उससे ज़्यादा वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल न करने से त्वचा कैंसर होने की संभावना रहती है। लेकिन ज्यादातर सनस्क्रीन में पाया जाने वाले ऑक्सीबेनज़ोन तत्व को लेकर भी चर्चा हो रही है कि इससे दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं।
क्या गलत स्किन केयर रुटीन से हो सकता है त्वचा का कैंसर?
स्किनकेयर रूटीन और स्किन कैंसर के बीच भले ही कोई फैक्चुअल इंफॉर्मेशन नहीं हो, लेकिन ऐसे कई प्रोडक्ट्स हैं जिनमें हानिकारक केमिकल होते हैं। लंबे समय तक ऐसे स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। इसलिए अपने मौसम, जलवायु, स्किन टाइप को ध्यान में रखते हुए ही स्किन केयर प्रोडक्ट्स का चुनाव करें।