8th Pay Commission – 8वें वेतन आयोग पर सरकार जल्द ले सकती है फैसला, गठन में हो चुकी है पहले से देरी

Himachal Se - – (Employees Update) आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग बढ़ रही है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि देश की रेवेन्यू कलेक्शन (revenue collection) और वित्तीय स्थिति बेहतर होने के कारण अब आयोग का गठन करना उचित है। इस विषय पर दो से अधिक दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं, जिससे यह प्रतीत होता है कि सरकार इस दिशा में जल्द कोई निर्णय ले सकती है। कर्मचारियों (employees) की इस मांग को देखते हुए, यह संभावना बढ़ रही है कि आयोग गठन का फैसला शीघ्र संभव हो।(8th pay commission latest update)

नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (एनसी-जेसीएम) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि महंगाई के मद्देनजर यह अत्यंत आवश्यक है। आठवें वेतनमान के गठन में पहले ही देरी हो चुकी है। हर 10 वर्ष में आयोग का गठन समय पर किया जाता है, लेकिन इस बार इसमें ढील दी गई है। समय पर वेतनमान संशोधन जरूरी है ताकि कर्मचारियों को आर्थिक राहत (Financial relief to employees) मिल सके और उनकी वित्तीय स्थिति मजबूत हो सके। (7th pay commission update)

वर्ष 2016 से लागू किए गए सातवें वेतन आयोग का गठन फरवरी 2014 में तत्काल की मनमोहन सरकार ने किया था, जिसकी सिफारिशों को जनवरी 2016 से लागू किया गया। इस लिहाज से देखा जाए तो सातवां वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू हुए जनवरी 2026 में 10 वर्ष पूरे हो जाएंगे। ऐसे में आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) के गठन में काफी देरी हो रही है। इसलिए अब सरकार से लगातार मांग की जा रही है कि वो आयोग के गठन में अब देरी ने करे।

बेसिक सैलरी में खासी बढ़ोतरी होगी-

वित्तीय वर्ष 2024-25 के आम बजट से पहले सरकार आठवें वेतन आयोग के गठन पर निर्णय ले सकती है। यदि सातवें वेतन आयोग की तर्ज पर फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) अपनाया गया, तो बेसिक सैलरी (basic salary) में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी होगी, जिससे कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।

जुलाई से उठा रहे हैं मांग-

नए वेतन आयोग के गठन की मांग लगातार उठ रही है। एनसी-जेसीएम ने जुलाई में कैबिनेट सचिव से मुलाकात की थी और फिर अगस्त 2024 में भी अपनी मांगें दोहराई। विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय सरकार वेतन आयोग (pay commssion) न बनाकर अन्य तरीकों से वेतनमान में वृद्धि (Increase in pay scale) पर विचार कर सकती है। इसमें महंगाई (Inflation) और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा, और न्यूनतम वेतन बढ़ाने पर भी निर्णय लिया जा सकता है। इस पर अंतिम फैसला अगले कुछ महीनों में संभव है।

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