इकलौते बेटे के शहीद हो जाने के बाद कोई नहीं था सहारा… 8 महीने बाद ‘जुड़वां’बच्चों के माता-पिता बनने का मिला सौभाग्य!! 〥!

After the martyrdom of their only son, there was no one to support them... 28 months later they were fortunate enough to become parents of 'twin' childrenAfter the martyrdom of their only son, there was no one to support them... 28 months later they were fortunate enough to become parents of 'twin' children

अहमदाबाद: दो साल पहले भारतीय वायुसेना में कार्यरत गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के निवासी नीरव सिंह चौहान की मौत हो गई थी। चौहान ने चेन्नई में ड्यूटी के दौरान ही खुद को गोली मार आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद दुदाणा ग्राम में रहने वाले माता-पिता के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । इकलौते बेटे को खोने के बाद माता-पिता निसंतान हो गए थे, लेकिन 76वें गणतंत्र दिवस पर बेटे की दुनिया छोड़ने के बाद करीब 28 महीने बाद शहीद नीरव सिंह के माता-पिता ने एक बार फिर से जुड़वां बेटों अभिभावक बन गए।

गांव में दोहरी खुशी के साथ जश्न
गांव में शहीद नीरव सिंह के पिता के घर दो बच्चों के जन्म पर गांव के लोगों खुशी मनाई है। इस मौके पर लोगों ने मिठाई बांटी। कोडिनार तहसील के पूर्व पालिका प्रमुख शीवाभाई सोलंकी ने बताया कि ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि इलाके में आईवीएफ हॉस्पिटल चलाने वाले श्वेता बेन वाला ने इसमें काफी अच्छी काम किया। उन्होंने देखा कि नीरव सिंह के माता-पिता जिनकी उम्र अब 49 साल के करीब है। वे सामान्य तौर पर शिशु को जन्म नहीं दे सकते हैं। ऐसे में उन्होंने आईवीएफ के लिए प्रेरित किया।

एक बेटे की जगह दो मिले
श्वेताबेन वाला ने कहा कि दो जुड़वां बच्चों के जन्म पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि परिवार के पास इकलौता बेटा था। जो चेन्नई में शहीद हो गया था। इसकी वजह आत्महत्या बताई गई थी। वाला ने कहा कि मुझे खुशी है कि आईवीएफ की मदद से एक नहीं बल्कि चौहाण परिवार को दो बेटे मिले हैं। उनके घर में एक बार फिर से खुशियां लौटकर आई हैं। वाला ने कहा कि मेरी कोशिश थी कि दंपती को एक बच्चा मिले, लेकिन एक साथ दो जुड़वां बेटे मिले हैं। जो पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। सितंबर, 2022 में नीरव सिंह चौहाण को उनके गांव में अंतिम विदाई दी गई थी।