चिंताजनक: तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को निशाना बना रहे साइबर ठग….!

नई दिल्ली। साइबर ठगों ने ऑनलाइन बुकिंग के जरिए लोगों से ठगी शुरू कर दी है। ठग तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को निशाना बना रहे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) ने इस संबंध में शनिवार को राष्ट्रीय स्तर पर अलर्ट जारी किया है।

आई4सी ने कहा है कि ऑनलाइन बुकिंग से संबंधित फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे। ठग फर्जी वेबसाइट, सोशल मीडिया पर फर्जी पेज, व्हाट्सऐप अकाउंट के साथ गूगल और फेसबुक पर प्रायोजित विज्ञापनों से लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचाने की कोशिश में लगे हैं। आई4सी ने कहा है कि ठग तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को केदारनाथ और चारधाम यात्रा की हेलीकॉप्टर बुकिंग, गेस्ट हाउस, होटल, कैब बुकिंग के बहाने उनके बैंक खाते में सेंध लगा रहे। फर्जी वेबसाइट या पेज के जरिए बुकिंग के लिए पैसा जमा करने के बाद उन्हें बुकिंग से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिलती है। लोग दिए गए नंबरों पर शिकायत करने की कोशिश करते हैं तो संपर्क स्थापित भी नहीं हो पाता है।

सोशल मीडिया के सहारे बुकिंग से बचें

आई4सी ने कहा है कि तकनीक और सोशल मीडिया के दौर में साइबर ठगी से बचने के लिए सावधानी बरतनी होगी। किसी प्लेटफॉर्म पर पैसे का भुगतान करने से पहले कई स्तर पर उसका सत्यान जरूरी है। गूगल, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, एक्स समेत अन्य प्लेटफॉर्म के जरिए बुकिंग न ही करें तो बेहतर होगा।

आधिकारिक वेबसाइट से ही बुकिंग करें

आई4सी ने आम लोगों से अपील की है कि तीर्थयात्री और पर्यटक बुकिंग के लिए आधिकारिक वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें। इसके अलावा वे विश्वसनीय ट्रैवल एजेंसी या ऐप के जरिए भी यात्रा की बुकिंग कर सकते हैं। बुकिंग करने से पहले किसी जानकार से सलाह जरूर लें।

संदेह तो यहां पर कर सकते हैं शिकायत

आई4सी ने कहा है कि साइबर ठगी, फर्जी विज्ञापन, वेबसाइट या लिंक पर संदेह हो तो इसकी शिकायत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर कर सकते हैं। किसी तरह का फर्जीवाड़े का शिकार होने पर 1930 पर फोन पर पूरी जानकारी के साथ उसकी शिकायत करें।

फर्जीवाड़े के खिलाफ लगातार सख्ती

आई4सी ने कहा है कि लोग फर्जीवाड़े का शिकार न हों इसके लिए ऐसे पेज और वेबसाइट की जानकरी गूगल और मेटा से साझा कर उन्हें हटाया जा रहा। राज्यों की पुलिस और साइबर क्राइम यूनिटों से संपर्क कर साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है।

फर्जी वेबसाइट ऐसे पहचानें

1.असली वेबसाइट के यूआरएल में शाब्दिक त्रुटि

2.यूआरएल पर अलर्ट में नॉट सिक्योर लिखता है

3.वेबसाट की पहचान रिव्यूज- रेटिंग से भी संभव

4.वेबसाइट पर दी जानकारी पढ़ें, त्रुटि पर संदेह करें

ये बिलकुल न करें

1.अनजाने लिंक, वीडियो या रील के जरिए बुकिंग न करें।

2.तस्वीरों या वीडियो को देखकर किसी भी जाल में न फंसे

3.सस्ता या 90 फीसदी ऑफ के फेर में बिलकुल भी न फंसें

4.अनजाने फोन पर बात होने के बाद बुकिंग का पैसा नहीं दें