अब FASTAG की छुट्‌टी, 1 तारीख से लागू होगा नया टोल टैक्स सिस्टम…!

Gazab Viral, Digital Desk- (GPS Toll System) देश में हाईवे टोल कलेक्शन सिस्टम में महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है।केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने बताया कि FASTag की जगह नया टोल सिस्टम लाया जाएगा।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अगले 15 दिनों में एक नई टोल नीति लागू करने वाली है, जिससे टोल वसूलने (toll collection) के तरीके में सुधार होगा। ये खबर आप हिमाचल से में पढ़ रहे हैं। यह नई नीति टोल कलेक्शन से जुड़ी शिकायतों को समाप्त कर देगी।गडकरी ने कार्यक्रम के दौरान अधिक जानकारी देने से परहेज किया, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट किया कि बदलाव से टोल प्रक्रिया में सहजता आएगी।

GPS बेस्ड  टोल सिस्टम होगा शुरू-

GPS बेस्ड टोल सिस्टम में वाहनों में ऑन-बोर्ड यूनिट (OBU) नाम का एक डिवाइस लगाया जाएगा जो अब तक चल रहे FASTag सिस्टम की जगह लेगा।यह डिवाइस GNSS यानी ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम तकनीक के जरिए गाड़ी की मूवमेंट को ट्रैक करेगा। जब कोई वाहन हाईवे (highway) पर चलेगा, तो वह कितनी दूरी तय कर रहा है, उसका रिकॉर्ड OBU के जरिये होगा। उसी हिसाब से टोल की रकम तय की जाएगी और वो सीधे ड्राइवर के बैंक खाते या डिजिटल वॉलेट (Digital wallet) से कट जाएगी।

यानी जितनी दूरी आप हाईवे पर तय करेंगे, उतना ही टोल आपके अकाउंट से अपने आप कट जाएगा। खास बात ये है कि लोगों को टोल प्लाजा (toll plaza) पर रुकने की जरूरत नहीं होगी। शुरुआत में ये सिस्टम ट्रक और बस जैसी बड़ी गाड़ियों पर लागू होगा, फिर धीरे-धीरे सभी प्राइवेट व्हीकल (private vehicles) और गाड़ियों पर लागू होगा। ये सिस्टम भारत के अपने सैटेलाइट NavIC पर चलेगा, जिससे डेटा देश के अंदर ही रहेगा और सुरक्षित रहेगा।

FASTag से GPS का सफर- 

भारत में साल 2016 में फास्टैग (इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन) की शुरुआत हुई थी, जिससे टोल प्लाजा बिना रुके आप निकल जाते हैं, फास्टैग का मकसद लोगों के समय को बचाना था। इसमें RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है। गाड़ी के शीशे पर एक टैग लगाया जाता है और टोल प्लाजा (toll plaza) पर लगे स्कैनर से वह टैग स्कैन (tag scan) होता है। इससे टोल अपने आप कट जाता है और कार बिना रुके टोल पार करती है।

लेकिन, पिछले कुछ सालों में कुछ दिक्क़तों का सामना लोगों को करना पड़ रहा है, जैसे ज्यादा भीड़ होना, तकनीकी खामियां और या कुछ लोग टैग का गलत इस्तेमाल करते थे। इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए सरकार आधुनिक सिस्टम की तरफ ध्यान दे रही है।