Haryana Update: सेकंड हैंड कार खरीदते समय होने वाले आम स्कैम्स
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व्हीकल टाइटल: पुरानी कार बेचने वाले विक्रेता अक्सर कार के टाइटल को किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर कर देते हैं, जिससे कार की असल हिस्ट्री छिपाई जा सकती है, जैसे कि बाढ़ से क्षति, पूरी तरह से खराब कार, या अन्य गंभीर समस्याएं। इससे खरीदार धोखे में आकर खराब कार खरीद सकता है।
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ओडोमीटर रोलबैक: सेकंड हैंड कार खरीदते समय ध्यान रखें कि ओडोमीटर में कोई छेड़छाड़ तो नहीं की गई है। कई विक्रेता ओडोमीटर के आंकड़े बदलकर कार की वास्तविक स्थिति छुपाते हैं, ताकि कार को ज्यादा कीमत पर बेचा जा सके।
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ब्याज दर: सेकंड हैंड कार खरीदने पर ब्याज दरें अक्सर अधिक होती हैं। यदि कोई विक्रेता फ्लैट इंटरेस्ट रेट का वादा करता है, तो सावधान रहें। ये रेट्स रीड्यूसिंग रेट बेसिस पर हो सकते हैं, और आपको जितना बताया जाता है, उससे कहीं ज्यादा ब्याज देना पड़ सकता है।
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कार ओनर डिटेल: सेकंड हैंड कार बेचने वाले विक्रेता अक्सर कार के पिछले मालिकों की जानकारी छिपाते हैं। वे केवल फोटोकॉपी में दिखाते हैं और वास्तविक रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) नहीं दिखाते, जिससे खरीदार को कार की असल स्थिति के बारे में जानकारी नहीं मिलती। हमेशा ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स देखकर ही कार खरीदने का निर्णय लें।
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FASTAG सिस्टम खत्म: नए साल से FASTAG प्रणाली खत्म हो गई है, और अब टोल टैक्स कटने का तरीका बदल जाएगा। नए नियमों के बारे में और अधिक जानकारी के लिए अपडेट रहें।