

Toll Tax new System: आने वाले दिनों में जब आप हाईवे या एक्सप्रेसवे पर गुजरेंगे तो आपको टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी. टोल टैक्स कलेक्शन का सिस्टम पूरी तरह बदल जाएगा. बिना ब्रेक लगाए आप टोल प्लाजा को पार कर लेंगे. टोल टैक्स भरने के लिए आपको न तो फास्टैग ( Fastag) की जरूरत होगी और न ही टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर रूकने का झंझट होगा. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक बड़ी घोषणा करते हुए बताया कि जल्द ही नई टोल नीति आने वाली है. नए टोल सिस्टम के तहत हाईवे पर बेवजह रुकने और गलत चार्जिंग से राहत मिलेगी. नए टोल सिस्टम में न तो फास्टैग (FASTag) के जरिए भुगतान करने की परेशानी होगी और न ही टोल प्लाजा पर ब्रेक लगाने का झंझट. देशभर में नई GPS आधारित टोल सिस्टम की सर्विस शुरू होने वाली है. आप जितनी दूरी तय करेंगे उतना ही टोल टैक्स भरना होगा.
कब से लागू होगा नया टोल सिस्टम
नए टोल सिस्टम को लेकर मीडिया में चल रही खबरों पर सरकार की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया. सरकार ने उन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया, जिसमें ये दावा किया जा रहा था कि 1 मई से राष्ट्रीय स्तर पर सैटेलाइट आधारित टोलिंग सिस्टम लागू होगी. सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी बयान में बताया गया कि एक मई से राष्ट्रीय स्तर पर सैटेलाइट आधारित टोलिंग सिस्टम लागू होने और फास्टैग आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम को रिप्लेस करने की तारीखों का ऐलान अभी नहीं किया गया है. सरकार ने कहा कि सैटेलाइट आधारित टोलिंग सिस्टम एक मई से लागू करने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है.
कैसे काम करेगा नया टोल सिस्टम
नए जीपीएस आधारित टोल सिस्टम में टोल सीधे आपके अकाउंट से कट जाएगा. नया सिस्टम तकनीकी रूप से न सिर्फ एडवांस होगा, बल्कि सटीकता, ट्रांसपेरेंस और कंविनियंस में भी आगे होगा. साल 2016 में फास्टैग के आने के बाद टोल प्लाजा पर लंबी कतारों से छुटकारा मिल गया, लेकिन फिर भी कई जगहों पर जाम की समस्या लगी रहती है. फास्टैग स्कैनिंग में दिक्कतों की वजह से टोल बूथ पर गाड़ियों की लाइन लग जाती है. अब ये सब झंझट खत्म हो जाएगा उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा पर वाहनों की निर्बाध, बिना किसी परेशानी के आवाजाही को सक्षम करने और यात्रा के समय को कम करने के लिए चुनिंदा टोल प्लाजा पर ‘एएनपीआर-फास्टैग बेस्ट बैरियर-लैस टोलिंग सिस्टम’ लागू किया जाएगा. यह एडवांस टोलिंग सिस्टम ‘ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन’ (एएनपीआर) टेक्नोलॉजी, जिसमें नंबर प्लेट से वाहनों की पहचान की जाती है और ‘फास्टैग सिस्टम’, जो कि रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) पर काम करता है, दोनों का मिश्रण होगा.
टोल प्लाजा पर रूकने की जरूरत नहीं
इस सिस्टम के तहत वाहनों से टोल हाई परफॉर्मेंस वाले एएनपीआर कैमरा और फास्टैग रीडर्स के माध्यम से लिया जाएगा, जिसमें वाहनों को टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होगी. मंत्रालय के मुताबिक अगर वाहन चालक टोल पर भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें ई-नोटिस दिया जाएगा और उनका फास्टैग भी रद्द किया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है. बता दें कि भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर करीब 855 प्लाजा हैं, जिनमें से 675 सरकारी हैं, जबकि 180 या उससे अधिक निजी ऑपरेटरों द्वारा मैनेज किए जाते हैं।
बिना Fastag के कटेगा टोल
नया टोल टैक्स सिस्टम फास्टैग को रिप्लेस करेगा . GPS आधारित सिस्टम से सीधे बैंक अकाउंट से टैक्स कट जाएगा. आपकी गाड़ी में ऑन-बोर्ड यूनिट लगाई जाएगी, जो GPS की मदद से ट्रैक करेगी कि आपने हाईवे पर कितनी दूरी तय की है. उसकी हिसाब से आपका टोल टैक्स कट जाएगा. ये टैक्स सीधा आपके बैंक अकाउंट या वॉलेट से कट जाएगा. इसके लिए कहीं भी आपको रुकने की जरूरत नहीं होगी.
जितनी दूरी-उतना पैसा
नए GPS आधारित टोल सिस्टम में आप जितनी दूरी तय करेंगे , उतना ही टैक्स भरना होगा. इस सिस्टम को फेज वाइज़ लागू किया जाएगा. नए सिस्टम से टोल प्लाजा की जरूरत नहीं होगी. हाईवे, एक्सप्रेसवे पर लगे कैमरे से टोल कट जाएगा. टोल प्लाजा पर जाम से छुट्टी मिल जाएगी. सब कुछ ऑटोमैटिक होगा, इसलिए गड़बड़ी की आशंकाएं कम होगी. कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी.