लोन लेना आसान हो सकता है, लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर लोन लेने वाले की मौत हो जाए तो उसका भुगतान कौन करेगा? यह सवाल कई लोगों के मन में आता है। ये खबर आप हिमाचल से में पढ़ रहे हैं। इस स्थिति में बैंकों के नियम और वसूली की प्रक्रिया को समझना बहुत जरूरी है।
मृत्यु के बाद लोन का क्या होता है?
- अगर लोन के साथ टर्म इंश्योरेंस या लोन प्रोटेक्शन प्लान लिया गया है, तो बीमा कंपनी पूरी रकम बैंक को चुकाती है। को-साइनर या गारंटर

- अगर लोन पर किसी को-साइनर या गारंटर का नाम है, तो वसूली का जिम्मा उनके ऊपर आता है।
- बैंक कानूनी तौर पर उधारकर्ता के परिवार से सीधी वसूली नहीं कर सकते। लेकिन अगर संपत्ति या बैंक बैलेंस उनके नाम पर हो, तो उसे जब्त किया जा सकता है।
बैंक वसूली के लिए क्या कर सकता है?
- अगर लोन के बदले कोई संपत्ति गिरवी रखी गई है, तो बैंक उसे नीलाम कर सकता है।
- बैंक कोर्ट में जाकर मृतक की संपत्ति पर दावा कर सकता है।
- बैंक केवल मृतक की संपत्ति तक ही सीमित रह सकता है, परिवार की व्यक्तिगत संपत्ति को नहीं छू सकता।
मृत्यु के बाद परिवार को क्या करना चाहिए?
- लोनधारक की मौत की जानकारी बैंक को दें।
- जानें कि लोन पर कितनी रकम बाकी है।
- यदि बैंक दबाव बनाए तो वकील से सलाह लें।
- इंश्योरेंस पॉलिसी अगर लोन कवर पॉलिसी है, तो तुरंत क्लेम करें।
लोन लेने वाले की मौत के बाद बैंक केवल गिरवी रखी संपत्ति पर दावा कर सकता है। परिवार पर सीधा बोझ नहीं डाला जा सकता। इसलिए लोन लेते समय लोन प्रोटेक्शन प्लान जरूर लें और परिवार को इस प्रक्रिया की जानकारी दें। इससे भविष्य में किसी भी वित्तीय समस्या से बचा जा सकता है।