Gazab Viral, Digital Desk- (Delhi High Court) दिल्ली की अदालत ने महिलाओं के अधिकारों पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि पति द्वारा पत्नी के नाम पर खरीदी गई संपत्ति (property) पर उसकी पत्नी का अधिकार है. पति की मौत के बाद, महिला संपत्ति का स्वतंत्र रूप से उपयोग कर सकती है. इसके अलावा, उसकी बेटी और दामाद इस संपत्ति पर कोई दावा नहीं कर सकते हैं.
दरअसल उत्तर पश्चिमी दिल्ली (Delhi) के शास्त्री नगर में रहने वाली 85 वर्षीय एक महिला के पक्ष में कोर्ट ने ये फैसला दिया है. महिला के घर के एक हिस्से को खाली करने से उनकी बेटी और दामाद ने इनकार कर दिया था जिसके बाद उन्होंने अदालत में संपत्ति पर बुजुर्ग महिला के अधिकार को चुनौती दी थी.
लाजवंती देवी ने 1985 में अपनी बेटी और दामाद को दिए गए संपत्ति का हिस्सा वापस मांगा, लेकिन उन्होंने इसे खाली करने से मना कर दिया. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने फैसला सुनाया कि यह संपत्ति लाजवंती के पति ने 1966 में पत्नी के नाम खरीदी थी, ताकि उनकी मौत के बाद वह सुरक्षित जीवन जी सकें.
बेटी-दामाद खाली करें घर कोर्ट (court) ने कहा कि बेटी और दामाद को उनकी अनुमति लेकर ही घर में रहने का अधिकार है और उन्हें महिला के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करने दिया जा सकता. अदालत ने दंपति को छह महीने के भीतर घर खाली करने और महिला को हुए नुकसान की भरपाई करने का निर्देश देते हुए कहा, हिंदू विधवा महिला (Hindu widow women) लाजवंती देवी का उस संपत्ति पर अधिकार है जो उनके पति ने उनके नाम पर खरीदी है.
अदालत ने दंपति से बुजुर्ग महिला को अदालत में वर्ष 2014 से शुरू हुए मुकदमे के वक्त से प्रतिमाह 10,000 रूपये देने की घोषणा की, इसके अलावा फैसला आने और संपत्ति पर उनका कब्जा (property possession) देने के वक्त तक 10,000 रूपये प्रतिमाह देने का निर्देश दिया है.