

बांका। पटना उच्च न्यायालय में दायर एमजेसी वाद पर अतिक्रमण हटाने का काम पुलिस बल के अभाव में बुधवार को नहीं हो पाया। धोरैया बाजार में गंगदौरी मोड़ से मिर्चनी नदी पुल तक 162 अतिक्रमणकारियों द्वारा सरकारी जमीन पर दखल कब्जा किया गया है, जिसको लेकर सिकंदर प्रसाद यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
न्यायलय ने जारी किया आदेश
सिकंदर प्रसाद यादव की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने अतिक्रमण हटाने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया है। अंचलाधिकारी श्रीनिवास कुमार सिंह द्वारा सभी अतिक्रमणकारियों को तीन नोटस जारी करते हुए उन्हें सरकारी जमीन से दखल कब्जा हटाने का निर्देश दिया गया है।
अतिक्रमणकारियों द्वारा नोटिस के वाबजूद सरकारी जमीन से दुकान व झोपड़ी नहीं हटाई जा रही हैं, जिसे हटाने की दिशा में प्रशासन द्वारा प्रक्रिया तेज कर दी गई है। अंचल कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार 162 अतिक्रमणकारी हैं, जिनके द्वारा बाजार की सरकारी जमीन को दखल कर अपने कब्जे में रखा गया है।
पुलिस बल की कमी के कारण नहीं हुआ एक्शन
बुधवार को इन 162 अवैध कब्जों को हटाने की तैयारी थी, लेकिन जिला से पुलिस बल उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण नहीं हटाया जा सका। अंचलाधिकारी ने बताया कि यदि अतिक्रमणकारियों द्वारा स्वतः सरकारी जमीन से झोपड़ी हटाकर खाली कर दिया गया तो ठीक है।
अन्यथा जारी आदेश का अनुपालन नहीं करने वाले अतिक्रमणकारियों से भारतीय दंड विधि की धारा 188 के तहत कार्रवाई करते हुए किसी भी समय बल पूर्वक अतिक्रमण हटाया जाएगा। ये खबर आप हिमाचल से में पढ़ रहे हैं। इस दौरान अतिक्रमण हटाने में जो राशि खर्च होगी उसे भी अतिक्रमणकारियों से वसूल किया जाएगा।
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188, किसी लोक सेवक द्वारा दिए गए आदेश की अवज्ञा से जुड़ी है। अगर कोई व्यक्ति सरकार या किसी सरकारी अधिकारी के आदेश का उल्लंघन करता है तो उस पर धारा 188 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
धोरैया बाजार में अतिक्रमण
इधर, अतिक्रमणकारियों का कहना है कि धोरैया बाजार से ज्यादा अतिक्रमण कुरमा हाट में है। मुख्य सड़क के दोनों तरफ हाट लगने से सड़क जाम हो जाती है। सरकारी जमीन पर पक्का का मकान भी बनाया जा रहा है, लेकिन उसे हटाने में प्रशासन की कोई रुचि नहीं है।