Gazab Viral, Good news: haryana के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शुक्रवार को बजट सत्र के पहले दिन विधानसभा में संबोधन करते हुए बताया कि नायब सिंह सैनी sarkar ने प्रदेश के पिछड़े समुदायों के कल्याण के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि sarkar प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। अपने तीसरे कार्यकाल में sarkar ने अपने किए गए वादों को पूरा करने के लिए तीन गुना तेज़ी से काम करना शुरू कर दिया है, जिससे प्रदेश के हर वर्ग को विकास का लाभ पहुंचे।
सामाजिक सुरक्षा और पेंशन योजनाओं का क्रांतिकारी कदम
राज्यपाल ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि sarkar ने सामाजिक सुरक्षा के तहत वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है। इस पहल के तहत अब तक 5,43,663 लाभार्थियों के बैंक खातों में कुल 1,093.40 करोड़ रुपये की राशि भेजी जा चुकी है। यह कदम समाज के उन वर्गों के लिए राहत का काम कर रहा है, जिन्हें आर्थिक सुरक्षा की सबसे ज्यादा जरूरत है।
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हीमोफीलिया और थैलेसीमिया पीड़ितों के लिए विशेष पेंशन
राज्यपाल ने आगे कहा कि sarkar ने हीमोफीलिया और थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों के लिए हर महीने ₹3000 की मासिक पेंशन देने की शुरुआत की है। इस योजना में किसी भी आयु सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है, ताकि इस लाभ का फायदा सभी प्रभावित लोग बिना किसी बाधा के उठा सकें। यह पेंशन अन्य मौजूदा पेंशन योजनाओं के अतिरिक्त प्रदान की जा रही है, जिससे लाभार्थियों को और अधिक आर्थिक सहारा मिल सके।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान
राज्यपाल ने यह भी जानकारी दी कि प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए ‘लखपति दीदी’ नाम की एक पहल शुरू की गई है। sarkar का लक्ष्य है कि 5 लाख महिलाओं को इस दर्जे से नवाजा जाए, जिसमें अब तक 2 लाख महिलाओं को यह सम्मान प्रदान किया जा चुका है। इस पहल से महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी और उनका सामाजिक स्तर भी ऊपर उठेगा।राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का यह संबोधन स्पष्ट करता है कि नायब सिंह सैनी sarkar ने haryana के विकास, सामाजिक सुरक्षा और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए हैं। तीसरे कार्यकाल में sarkar अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए तेज़ गति से काम कर रही है, जिससे प्रदेश के हर वर्ग को विकास के फलों का समान लाभ मिल सके। यह पहल प्रदेश में विकास, सुरक्षा और समावेशिता की नई मिसाल कायम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।