

Made In China Dress: अमेरिका-चीन के बीच एक नया सोशल मीडिया वॉर शुरू हो गया है. यह विवाद व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी करोलिन लेविट के एक कपड़े को लेकर है. चीनी सोशल मीडिया यूजर्स और राजनयिकों ने लेविट पर आरोप लगाया है कि उन्होंने चीन में बनी ड्रेस पहनी, जबकि ट्रम्प प्रशासन चीन के खिलाफ सख्त व्यापार नीतियों का समर्थन करता है.
चीनी डिप्लोमैट्स ने शुरू किया विवाद
चीनी राजनयिक झांग झिशेंग ने इस विवाद को हवा दी. वह इंडोनेशिया के देनपसार में चीन के कॉन्सुल जनरल हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लेविट की एक तस्वीर शेयर की, जिसमें वह एक लाल और काली लेस वाली ड्रेस पहने नजर आ रही थीं. झांग झिशेंग ने दावा किया कि इस ड्रेस की लेस चीन के माबू शहर की एक फैक्ट्री में बनी थी. उन्होंने लिखा, “चीन पर आरोप लगाना काम है, लेकिन चीन से खरीदना जिंदगी है. इस ड्रेस की खूबसूरत लेस को एक चीनी कंपनी के कर्मचारी ने अपनी फैक्ट्री का प्रोडक्ट बताया.”
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पोस्ट
झांग झिशेंग का यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गया. कई लोगों ने लेविट पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाया. एक यूजर ने लिखा, “लेविट चीन में बनी चीजों की आलोचना करती हैं, लेकिन खुद चीन की ड्रेस पहनती हैं. यह पाखंड नहीं तो क्या है? सस्ता सामान चाहिए, लेकिन चीन को दोष दो.” एक अन्य यूजर ने तंज कसते हुए कहा, “लेविट कैसे इस विडंबना को बर्दाश्त करती हैं कि वह ‘मेड इन चाइना’ की आलोचना करती हैं और व्हाइट हाउस में उसी की ड्रेस पहनकर खड़ी होती हैं?”
हालांकि, लेविट के समर्थकों ने इस दावे को खारिज किया. कुछ लोगों ने कहा कि यह ड्रेस चीन में बनी नहीं हो सकती. एक समर्थक ने लिखा, “यह फर्जी खबर है. लेविट ने फ्रेंच डिजाइनर की असली ड्रेस पहनी थी, जबकि चीनी वेबसाइट पर दिखाई गई ड्रेस नकली है.” एक अन्य यूजर ने कहा, “चीन नकली कपड़ों के लिए बदनाम है. हो सकता है उन्होंने किसी लग्जरी ब्रांड की नकल की हो.”
ट्रम्प के ‘मेगा’ सामान पर भी सवाल
इस घटना ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ (मेगा) सामान पर भी सवाल उठाए. आलोचकों ने बताया कि 2016 से ट्रम्प के कैंपेन का सामान भी चीन में बन रहा है. एक चीनी न्यूज चैनल ने दावा किया कि ट्रम्प के कैंपेन ने चीनी फैक्ट्रियों को फायदा पहुंचाया है, जो उनके अमेरिका फर्स्ट के नारे के खिलाफ है. यह विवाद ऐसे समय में हुआ है, जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध तेज हो गया है. ट्रम्प प्रशासन ने चीन पर 145% तक टैरिफ लगाए हैं, जबकि चीन ने जवाब में अमेरिकी सामान पर 125% टैरिफ बढ़ाए. दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है, और यह ऑनलाइन विवाद उसका नया रूप है.