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क्वेटा। बलूचिस्तान में हुए ट्रेन हाइजैक को लेकर बरकरार सस्पेंस के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी बलूचिस्तान के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि वह यहां कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करेंगे।
बता दें कि मंगलवार को खनिज समृद्ध बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पेशावर की ओर जा रही जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक करने के लिए बलूच लिबरेशन आर्मी के लड़ाकों ने रेल की पटरियाँ उड़ा दीं और गोलीबारी की।
पाक सेना का दावा किया खारिज
पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उसने बीएलए के 33 विद्रोहियों को मार गिराया है और सभी बंधकों को बचा लिया गया है। लेकिन बलूच आर्मी ने इन दावों को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि लड़ाई जारी है और बंधक अभी भी उनके कब्जे में हैं। उन्होंने बंधकों को मारने का भी दावा किया है।
सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि शरीफ क्वेटा के एक दिवसीय दौरे पर हैं, जिसके दौरान उन्हें क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी दी जाएगी। शरीफ ने बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट में हमले की निंदा की और कहा कि ऐसी कायरतापूर्ण हरकतें पाकिस्तान के शांति के संकल्प को हिला नहीं पाएंगी।
बलूच आर्मी ने दी धमकी
बीएलए ने कहा कि जिन लोगों को पाकिस्तान ने बचाने का दावा किया था, उन्हें वास्तव में ग्रुप ने ही छोड़ा था। विद्रोही ग्रुप के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने गुरुवार को एक बयान में कहा, ‘अब जबकि राज्य ने अपने बंधकों को मरने के लिए छोड़ दिया है, तो वह उनकी मौत की जिम्मेदारी भी लेगा।’
बीएलए ने धमकी दी थी कि अगर अधिकारी बलूच राजनीतिक कैदियों, कार्यकर्ताओं और लापता लोगों को रिहा करने की 48 घंटे की समय सीमा चूक गए, तो वे बंधकों को मारना शुरू कर देंगे।
बीएलए के चंगुल से छूटे बंधकों ने बताया कि ट्रेन से पाकिस्तानी सेना के अधिकारी भी सफर कर रहे थे। उन्हें एक-एक कर विद्रोही गुट के लोग निशाना बना रहे हैं। बता दें कि बलूचिस्तान की यात्रा पर शहबाज शरीफ के साथ उपप्रधानमंत्री इशाक डार और अन्य मंत्री भी पहुंचे हैं।