कर्नाटक: घरेलू हिंसा की भेंट चढ़ा एक और इंजीनियर, शव देखने पर भी महाभारत..

WhatsApp Group Join Now Telegram Group Join Now बेंगलुरु। कर्नाटक के हासन के शेट्टीहल्ली गांव में 35 साल के इंजीनियर प्रमोद ने आत्महत्या कर ली। वह जान देने के लिए हेमावती नदी में कूद गए। उनका दुखद अंत अतुल सुभाष जैसा हुआ है। अतुल ने पत्नी की प्रताड़ना से परेशान होकर बेंगलुरु में आत्महत्या कर ली थी। प्रमोद बेंगलुरु में बेंज कंपनी में काम करते थे। उनका अपनी पत्नी के साथ बार-बार झगड़ा होता रहता था। इससे वह असहनीय तनाव में थे। भाई-बहनों द्वारा भी उन्हें परेशान किया जा रहा था। इससे तंग आकर प्रमोद ने जान देने का फैसला कर […]
कर्नाटक: घरेलू हिंसा की भेंट चढ़ा एक और इंजीनियर, शव देखने पर भी महाभारत

बेंगलुरु। कर्नाटक के हासन के शेट्टीहल्ली गांव में 35 साल के इंजीनियर प्रमोद ने आत्महत्या कर ली। वह जान देने के लिए हेमावती नदी में कूद गए। उनका दुखद अंत अतुल सुभाष जैसा हुआ है। अतुल ने पत्नी की प्रताड़ना से परेशान होकर बेंगलुरु में आत्महत्या कर ली थी।

प्रमोद बेंगलुरु में बेंज कंपनी में काम करते थे। उनका अपनी पत्नी के साथ बार-बार झगड़ा होता रहता था। इससे वह असहनीय तनाव में थे। भाई-बहनों द्वारा भी उन्हें परेशान किया जा रहा था। इससे तंग आकर प्रमोद ने जान देने का फैसला कर लिया।

मोबाइल फोन घर पर छोड़कर बाहर निकले प्रमोद, नहीं आए वापस

29 दिसंबर को प्रमोद अपना मोबाइल फोन घर पर छोड़कर बाहर चले गए थे। इसके बाद फिर कभी नहीं लौटे। उसके माता-पिता ने के.आर.पुरम पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 29 दिसंबर की रात हेमावती नदी के पुल के पास प्रमोद की बाइक मिली। बाइक के पास बैंक पासबुक भी थी। पासबुक में दिए गए नंबर पर कॉल करने पर प्रमोद के पिता से बात हुई। उन्हें बाइक के बारे में बताया गया। उन्होंने पहचान कर ली कि वह प्रमोद की थी।

30 दिसंबर को पुलिस और दमकल कर्मियों ने हेमावती नदी में तलाशी अभियान शुरू किया। बुधवार सुबह प्रमोद का शव पानी से बाहर निकाला जा सका। अलूर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

शव को देखने आई पत्नी तो शुरू हो गया झगड़ा

प्रमोद की पत्नी नंदिनी अपनी मां और बच्चे के साथ प्रमोद के शव को देखने पहुंचीं तो टकराव की स्थिति पैदा हो गई। उसके और प्रमोद के परिवार के सदस्यों के बीच बहस छिड़ गई। दोनों पक्ष एक-दूसरे को प्रमोद की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराने लगे। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि नंदिनी और उसके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।