बांगलादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हिंसा की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है। हाल ही में इस्कॉन मंदिर पर हमलों और हिंदू समाज के लोगों पर हमलों के बाद चिंता और बढ़ गई है।
इस संदर्भ में बांगलादेश सरकार ने इन घटनाओं की जांच करने का आश्वासन दिया है, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। बांगलादेश के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इस हिंसा को लेकर चर्चा तेज हो गई है। बांगलादेश के रिटायर्ड मेजर ने कहा कि भारत और अमेरिका भी उनके सामने नहीं टिक सकते, और उन्होंने दावा किया कि बांगलादेश में 30 लाख छात्र उनके समर्थन में खड़े हैं।
इस बीच, बांगलादेश के रिटायर्ड मेजर शरीफ ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका भी उनके सामने नहीं टिक सकते और बांगलादेश में 30 लाख छात्र उनके समर्थन में खड़े हैं। अगर जरूरत पड़ी तो बांगलादेश चार दिनों में कोलकाता को कब्जे में कर सकता है, ऐसा मेजर शरीफ का कहना है।
‘कोई भी शक्ति हमें रोक नहीं सकती’
मेजर शरीफ ने कहा, “मैं भारत को यह कहना चाहता हूं, हम चार दिनों में सब कुछ सुलझा लेंगे। हमारी सेना मजबूत है और हमारे लोग हमारे साथ हैं। कोई भी शक्ति हमें रोक नहीं सकती।”
We are able to capture Kolkata within 4 days.
— Voice of Bangladeshi Hindus 🇧🇩 (@VHindus71) December 7, 2024
Retired Bangladesh Army Major.. pic.twitter.com/9YIQ5RYnw2
बांगलादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की स्थिति
बांगलादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा और दमन की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे वहां की सुरक्षा स्थिति गंभीर हो गई है। अल्पसंख्यक हिंदू समाज अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठा रहा है, लेकिन सरकार से मिश्रित प्रतिक्रिया मिल रही है। इस्कॉन मंदिर में भी आगजनी की गई है, इसके अलावा मंदिरों में तोड़फोड़ की भी खबरें हैं।
भारत-बांगलादेश संबंधों पर असर
बांगलादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की घटनाओं का भारत-बांगलादेश संबंधों पर गहरा असर पड़ सकता है। दोनों देशों के राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंध लंबे समय से प्रगति कर रहे हैं, लेकिन इन घटनाओं के बाद दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बन सकती है। हाल ही में हुए हिंसा के दौरान सोशल मीडिया पर हिंदू विरोधी भड़काऊ भाषणों के वीडियो भी वायरल हुए हैं।